BSE Bombay Stock Exchange:- मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज भारत और एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है ! भारत दो स्टाक एक्सचेंज है! एक का नाम है BSE और दूसरे का नाम है NSE (National Stock Exchange) BSE और NSE दोनों को SEBI ही रेग्युलेट करती है!
BSE कि शुरुआत 1875 में हुआ था तब इनके पास केवल पांच व्यक्ति थे जिन्होंने BSE कि शुरुआत कि थी शुरुआत में पैसा और जगह ना होने के कारण एक बरगद के पेड़ के नीचे हि ईनका काम होता था! कुछ समय के बाद इनके पास और व्यापारी जो है वह जुड़ते गए और फिर ईन सब ने मिलकर एक संस्था बनायी और साथ ही साथ दलाल स्ट्रीट मे एक जगह किराये पर ले लिया जहां इनका पूरा काम जो है वह होने लगा था लेकिन शुरुआत में इसका नाम The Native Share And Stockbrocker Association कंपनी था! बाद में इस कंपनी का नाम बदलकर मुंबई स्टॉक एक्सचेंज तक दिया गया!
पहले शुरुआत में बीएससी का काम 12:00 बजे शुरू होता था और 2:30 खत्म हो जाता था पहले सारे काम Open Out Cry यानी बोली लगा कर कि जाती थी ऊसे समय जो बोकर होते थे ऊनकी आवाज ऊची होनी जरूरी होती थी! पहले सारा काम कैश ( नकद) में होता था व्यापारी कैश लेकर लेनदेन करने आते थे और उन्हें जो शेयर मिलता था वह शेयर खरीदने के 30 से 50 दिनों के बाद मिलता था कई बार तो शेयर मिलने में 6 महीने पर लग जाते थे लग जाते थे ! अब तो आप शेयर किसी भी दिन खरीद और बेच सकते हैं मार्केट टाईम में और डिलीवरी में शेयर खरीदने की 2 दिन बाद आपके पास आपके डीमैट अकाउंट में आ जाता है!
BSE क्या काम करती है :-
BSE स्टाक एक्सचेंज कम्पनी है! BSE में किसी भी कंपनी के जो बीएससी में लिस्टेड है उसके स्टाक को खरीद सकते हैं बेच सकते हैं और पैसे कमा सकते हैं इसके अलावा आप इक्विटी, कमोडिटी मेंटल हो गया यह सारी चीजें आप खरीद और बेच सकते हैं!
BSE का बिजनेस :- कम्पनी का मुख्य बिजनेस एक्सचेंज का है, बीएसई में 5000 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है कंपनी के बीच जो भी ट्रांजैक्शन होता है BSE एक ब्रोकर का काम करती है, जब भी हम शेयर को खरीदते या बेचते हैं तो Transition के कुछ पैसे चार्ज करती है!
BSE को फायदा कैसे होता है
1. जब भी कोई कम्पनी शेयर मार्केट में आती है तो वह कुछ पैसे जो है वह चार्ज करती है!
2. BSE का अपना सॉफ्टवेयर है जिसमें किसी भी शेयर के प्राइस लाइव ट्रेडिंग होता है इससे भी कंपनी पैसे कमाती है!
3. BSE जब हम ट्रेडिंग करते हैं तो टैक्स के रूप में कुछ चार्ज करती है!
4. जब हम बीएससी में ट्रेडिंग करते हैं तब उसे सॉफ्टवेयर के लिए कुछ चार्ज देना पड़ता है !
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