हमारे देश में Crude Oil की किमत का देश में महंगाई बढ़ने या घटने पर बहुत अधिक योगदान होता है, आम तौर पर जब क्रूड आयल कि किमत बढ़ती है तो देश में महंगाई बढ़ती है, और कम होने पर कम होती है!
लेकिन इसका हमारे देश के शेयर मार्केट पर प्रभाव भी पड़ता है, जब इसकी किमत बढ़ती है तो हमारे देश के शेयर मार्केट में अच्छी तेज़ी देखने को मिलती है, और गिरावट होने पर मार्केट में गिरवाट होती है, लेकिन केवल आप इसकी किमत को देख कर के ही मार्केट में तेज़ी या मंदी होगी इसका अंदाज़ा नहीं लगा सकते आपको और भी दूसरी चीज़ो को देखना होता है!
- जब Crude Oil कि किमत बढ़ती है तो इसका Raw Material के रूप में उपयोग करनी वाली कंपनी के Margin कम होता है, इसका मतलब होता है उनको मुनाफा कम होगा, जिससे उसके शेयर कि किमत कम होने लगती है !
- Oil से जुड़ी कंपनी को मुनाफा बढ़ने लगता है और Oil कंपनी का मुनाफा और शेयर की किमत बढ़ती है !
- अगर Crude-Oil कि किमत बहुत अधिक बढ़ जाती है, तो हमारे देश को अधिक रूपए दे कर दूसरे देश से आयल Import करना होगा जिससे रुपए की किमत कम होती है और रूपए की वैल्यू कम होने के FII देश में बिकवाली करने लगते है, इसे रुकने के लिए RBI मार्केट में रूपए कि किमत को कण्ट्रोल करती है!

अगर आप ईतिहास कि बात करे तो क्रूड आयल बढ़ने का शेयर मार्किट में गिरावट नहीं आती है!