What is Watchlist

Watchlist आपके ट्रेडिंग सिस्टम में शेयर का समूह होता है जिसमे आप उन शेयर को रखते है, जिसमे आपको ट्रेडिंग या निवेश करना होता है! किसी भी ट्रेडर के लिए यह महत्वपूर्ण होता है की वह अपने वॉचलिस्ट में उन शेयर को रखे जिसमे से वे शेयर मार्केट में पैसा कमा सके!

Importance of Watchlist : वॉचलिस्ट बनाना क्यों जरुरी है

शेयर मार्केट में जब आप एक प्रोफेशन ट्रेडिंग करते है तो इसके लिए वॉचलिस्ट बनाना बहुत जरुरी है, आप ने एक कहावत तो जरूर सुना होगा!

आपको यह दुनिया वैसी ही नज़र आती है जैसा आप दुनिया को देखते है

यानी आप दुनिया के बारे में जैसा सोचते है यह दुनिया वैसे ही नज़र आती है, अगर आप अच्छा सोचते है तो आपको हर चीज़ में अच्छाई नज़र आएगी, और अगर आप नेगेटिव सोचते है तो आपको हर अच्छी चीज़ में भी बुराई नज़र आ जाएगी!

इस चीज़ का प्रभाव हमारे शेयर बाजार के फैसलों पर भी पड़ता है, जब आप Watchlist नहीं बनाते है तो आपको अगर कोई शेयर खरीदना है तो आपको बहुत सारे शेयर को देखना पड़ेगा ऐसे में आप सही समय में सही शेयर को चुन नहीं कर पायेंगे, लेकिन जब आप वॉचलिस्ट बनाते है तो आपको पहले से ही पता होता है कि आप को कौन से शेयर को खरीदना है, ऐसे में आप आसानी से शेयर को खरीद सकते है!

भारत में लोग शेयर मार्केट को बुरा क्यों समझते है?

भारत में अगर आप किसी को यह कहेगे कि आप शेयर मार्केट में काम करते है या करना चाहते है, तो लोग आपके बारे में यह सोचते है कि आपके पास करने के लिए कोई काम नहीं है, इस कारण से आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते है, लोग एक शेयर मार्केट ट्रेडर को एक जुआरी की तरह समझते है, इसमें तो लोगो को नुकशान होगा, अगर आपकी अभी तक शादी नहीं हुई है तो आपको कोई लड़की नहीं देगा!

लोगो का ऐसा सोचना बहुत हद तक सही है, इसमें उनकी कोई गलती नहीं है, लोग ऐसा इस कारण से सोचते है क्योकि भारत में अभी तक बहुत से लोग सफल नहीं हुए है लोगो ने खुद और दुसरो को इसमें नुकशान होते हुए हे देखा है, इस कारण वे इसको बुरा समझते हैजो लोग इसको जानते है और फिर भी इसको बुरा समझते है ये वही लोग है जिन्होंने कभी न कभी किसी के बात में आकर बिना सोचे समझे किसी शेयर में निवेश किया होगा, और उसके बाद शेयर में गिरावट होने पर नुकशान होने पर इससे बाहर निकले होंगे! लोगो को यह पता ही नहीं होता कि किसी चीज़ में क्यों निवेश कर रहे है, इस कारण से लोगो को शेयर मार्केट में नुकशान होता है!

भारत में पहले लोग सरकारी नौकरी से परहेज़ करते थे जो लोग पढ़े लिखे होते थे वे भी सरकारी नौकरी नहीं करते थे, फिर धीरे धीरे समय बीता और लोग सरकारी नौकरी के पीछे भागने लगे, उसके बाद Private नौकरी का समय आया, लोग प्राइवेट जॉब में अच्छी पैसा और सुविधा होने के कारण प्राइवेट नौकरी करना पसंद करने लगे, और अब वः समय आ गया जब लोग शेयर मार्केट को अपना बिज़नेस बनाना चाहते है, आने वाला समय भारत में Trader और Investor का होने वाला है! जो लोग इसकी अभी शुरुवात कर रहे है वे समय के साथ अधिक पैसा कमाएगे इसका अंदाज़ा आप अभी हाल के समय में खुल रहे डीमैट एकाउंट से लगा सकते है!

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Donchain Indicator in Hindi

यह एक तरह का टेक्निकल इंडिकेटर होता है जिसका उपयोग कर के हम ट्रेडिंग करते हैं इसमें तीन लाइन होती है एक ऊपर वाली लाइन 21 सप्ताह के उच्चतम लेवल की लाइन होती है एक नीचे वाली लाइन जो कि पिछले 21 सप्ताह के न्यूनतम लेवल की लाइन होती है और एक मध्य में लाइन होती है जो कि ऊपर और नीचे वाली लाइन के बीच में होती है! अगर कोई शेयर अपने मध्य वाली लाइन के ऊपर Trade कर रहा हो तब हमें उस शेयर में तेजी की पोजीशन बनानी होती है और अगर कोई शेयर अपनी मध्य लाइन के नीचे की ओर यानी नीचे वाली लाइन की ओर Trade कर रहा हो तब हमें उस में मंदी की पोजीशन बनानी पड़ती है!

Donchain Indicator का उपयोग

इस इंडिकेटर का उपयोग मार्केट में किसी समय Volatility को पता करने के लिए किया जाता है अगर ऊपर और नीचे लाइन के बीच में अंतर अधिक होता है तो इसका मतलब यह है कि मार्केट में अभी उतार चढ़ाव अधिक है और वही अगर वह कम है तो इसका मतलब यह है कि मार्केट में अभी उतार चढ़ाव कम है मार्केट में ऐसे समय में पैसा बनाना काफी मुश्किल काम होता है!

Donchain Indicator को Moving Average से मिल कर कर बना होता है, इसमें हम अपने हिसाब से कोई भी समय को चुन सकते है !

यह एक Legging इंडिक्टर है, यानि इसकी मदद से हम कोई Trend का पता नहीं लगा सकते हैं, यह Volatility को बताने वाला प्रमुख इंडिकेटर है!

Donchain Indicator
Nifty 50 Chart 2022

ऊपर आप के सामने एक चार्ट दिया हुआ है जिसमे Donchain Indicator को बताया गया है, इसमें आप देख सकते है जून से Aug तक शेयर एक रेंज में था इस कारण से इस समय मार्केट में सुस्ती थी, इसके बाद Aug से Oct तक बाजार में तेज़ी थी! और शेयर ऊपर लाइन के पास समय में अगर आप कोई तेज़ी के Position बनाते तो आपको फायदा होता!

Donchain Indicator

आप ऊपर में दिया गया विडिओ को भी देख सकते है !

EASE OF BUYING INDICATOR

शेयर मार्केट में तरह तरह के Indicator होते है कुछ बहुत अधिक कठिन होते है, और कुछ को कोई भी उपयोग कर सकता है, लेकिन हर इंडिकेटर का एक Limitation होती है, कोई भी इंडिकेटर नहीं है जो हर समय सही हो,

जब आप इंडिकेटर का उपयोग करते है तो आप शेयर मार्केट में आसानी से उसका उपयोग कर के मुनाफा कमा सकते है, आज हम आपको ऐसे ही Indicator के बारे में बताने वाले है उसका नाम है Easy Of Buying Indicator यानी आप किसी शेयर को कितनी आसानी से खरीद या बेच सकते है, आमतौर पर यह देखा गया है जिस शेयर को खरीदने में लोगो को परेशानी होती, जिस शेयर को लोग महंगा समझते है, और उस शेयर को नहीं खरीदते आमतौर पर उस शेयर में ही बड़ी और लम्बी तेज़ी देखने को मिलती है!

इसके विपरीत जो शेयर लोग आसानी से खरीद सकते है, जो शेयर सभी के पास होता है, वे शेयर हमेशा सस्ता रहता है और उस शेयर में तेज़ी नहीं देखने को मिलती है! ऐसे शेयर या तो गिरावट होती रहती है या एक Range में होता है!

How To Use Ease Of Buying Indicator

यह इंडिकेटर आपको किसी Trading Terminal में देखने को नहीं मिलेगा, और ना ही आपको इसके लिए कोई Software खरीदने का जरुरत है, इसको आप साधारण एनालिसिस कर के उपयोग कर सकते है, आप को किसी भी शेयर का चार्ट को खोलना है और उसके बाद आपको खुद से यह पूछना है की आपको यह शेयर सस्ता लग रहा है या फिर महंगा अगर आप को वह शेयर खरीदने में आसनी हो रही है तो आपको वह शेयर को खरीदने से पहले विचार करना जरुरी है!

और अगर आपको वह शेयर मंहगा लगे तो वह शेयर में बड़ी तेज़ी होनी की प्रबल संभवना है, और ऐसा हमेशा देखा गया है जो शेयर जो शेयर में Retail Investor की Shareholding अधिक होती है, वे शेयर आपको तेज़ी देखने को नहीं मिलती है!

EASE OF BUYING INDICATOR

ऊपर आप देख सकते है, यह भारत के सबसे बड़ी Paint कंपनी Asian Paint का चार्ट है इसको आप देख सकते है 2000 में यह 20 के कीमत पर थी और उसके बाद यह शेयर एक Uptrend में है,अगर आप शेयर को किसी को खरीदने के लिए बोलेगे तो वह कहेगा की यह शेयर बहुत बढ़ गया है अब इसको इस किमत पर कौन करेंगे वे दूसरी सस्ता शेयर को खरीदते है, और अगर कोई खरीदेगा तो बहुत थोड़ी शेयर ख़रीदगे और उसमे भी थोड़ी मुनाफे पर बाहर आ जाएगे!

( यह चार्ट केवल Educationl Purpose के लिए बताया गया है, किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले अपने Finacial Advisor से संपर्क जरूर करे )

Currency Trading क्या होता है !

Money

जब आप किसी देश की मुद्रा ( पैसा ) को स्टॉक की तरह खरीदी बिक्री करते है तो इसको Currency Trading कहते है ! आप इसमें Future & Option के मदद से इसमें Trading करते है !

Currency Trading क्यों जरुरी है

भारत में पहले हमारे देश के रूपए का निर्धारण Dollar की तुलना में क्या होगा इसका निर्धारण RBI और सरकार मिल कर करती थी, लेकिन अभी यह Market से तय होता है, इसकी किमत क्या होगा यह Demand और Supply के आधार पर तय होता है, जिस तरह से किसी कंपनी का शेयर आईपीओ में लिस्ट हो जाने के बाद Market तय करती है उसी प्रकार हमारे देश के रूपए की किमत क्या होगा यह भी Market में तय होता है!
भारत में बहुत सारी कंपनी है जो भारत के अलावा दूसरे देशो में भी काम करती है, इसके अलावा भारत यहां से बहुत सारा समान दूसरे देशो में बेचता है और दूसरे देशो से बहुत सा समान आयात करता है, जो की सारा व्यपार रूपए और डॉलर में होता है, अगर कोई कंपनी जो की दूसरे देशो में काम करती है या दूसरे देशो को माल बेचती है उसके ऊपर Currency का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है, अगर रूपए के किमत कम या अधिक होती है तो कंपनी को Risk रहता है, इसी रिस्क को कम करने के लिए Currency Trading जरुरी है! कंपनी मुख्य रूप से इसका उपयोग Hedging करने के लिए करती है !

Currency Trading,
Currency Trading
भारत मे आप MCX में Currency Trading कर सकते है! इसकी सबसे बड़ी फायदा यह है कि इसमें आपको सबसे अधिक Leverage मिलता है !

Curremcy Trading के नुकशान

किसी भी देश के Economy Stability के लिए और देश में व्यपार आसानी हो इसके लिए उस देश की मुद्रा का स्थिर होना जरुरी है, इसके लिए उस देश की रिजर्व बैंक इसको कण्ट्रोल करती है, इस कारण से एक आम आदमी के लिए इन सब को जान और समझ कर ट्रेडिंग करना आसान नहीं होता !
इसके आलवा कोई ट्रेडर पैसे तभी कमाता है, जब उतार चढ़ाव हो लेकिन Currency में ऐसा बहुत कम होता है!

Buy Today Sell Tomorrow BTST In Hindi

 BTST या Buy Today Sell Tomorrow का मतलब होता है, किसी शेयर को आज खरीदना और कल बेच देना, इसमें आप किसी शेयर को एक दो दिन के भीतर ही कुछ मुनाफा या नुकशान ले कर बेच देते है, आप इसमें Short Selling भी कर सकते है ! जब आप Intraday Trading करते है तो आपको शेयर को उसी दिन बेच कर जाना होता है, जबकि इसमें आप को अगले दिन उसे बेचना होता है!

Buy Today Sell Tomorrow करने का तरीका

BTST करने का तरीका यह होता है कि आपको 2;30 से 3:30 के बीच किसी शेयर जो कि Trend में है उसमे अपने Risk के हिसाब से Position बनानी होती है, इसमें आपको Techanical Analysis कि मदद ले सकते है और फिर उसके बाद आप उसे अगले दिन उसको बेच देते है, इसमें आप को Dicipline का पालन करना जरूर है, बहुत से लोग जिसमे उसको नुकशान होता है, वे उसको रखे रखते है, ऐसा करना गलत है अगर आपने BTST के लिए शेयर को ख़रीदा है तो अगले दिन हर हाल में बेचना है! अगर कोई शेयर जिसमे आपको मुनाफा हो रहा है और Chart में शेयर मजबूत लग रहा है तो उसे अगले दिन के लिए भी रख सकते है!
 

Buy Today Sell Tomorrow में क्या नुकसान हो सकता है

  • अगर आप BTST करते है तो सबसे बड़ी समस्या मार्केट बंद होने के बाद कोई ख़राब खबर आ जाने के कारण होती है!
  • अगर मार्केट में कोई बड़ा Move आ जाता है तो हमे नुकसान हो जाता है !
  • बहुत बार ऐसा होता है कि हमे BTST में मुनाफा बहुत कम होता है और जब नुकसान होता है तो बड़ा होता है !
  • लोगो का BTST में बर्बाद होने का सबसे बड़ा कारण है की वे अपना Position बहुत बड़ा ले कर जाते है आप अगर Leverage ले कर Trading कर रहे है तो आपको उतना ही Position के साथ BTST करना चाहिए जिससे की आप अगर शेयर अगले दिन 10 से 20% ऊपर या नीचे खुले तो आप उसके लिए तैयार हो!
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Runaway Gap in Hindi

य़ह एक Technical Analysis मे एक पैटर्न होता है जो कि तब बनता है जब शेयर एक Trend में होता है और उसके बाद जब उसमें Trend की दिशा में एक Gap का बनता है तब हम उसे Runaway Gap कहते है! इस तरह का Gap अलग अलग Time Frame मे बनता है! जितने अधिक समय के चार्ट में बनता है वह उतना ही मजबूत होता है इसके बात उस शेयर में Trend की दिशा मे ही Gap के पहले जितनी तेजी होती है, Gap के बाद भी उतनी या उससे अधिक तेजी देखने को मिलती है! यह अगर किसी शेयर के Support या Resistance मे बनने पर उसका महत्व और अधिक हो जाता है!

 

Runaway Gap Time Frame 

य़ह गैप आमतौर पर Hour और Daily चार्ट में देखने को मिलता है लेकिन कभी-कभी यह Weekly और Monthly चार्ट में भी य़ह बनता है! य़ह आप जिस भी समय के चार्ट में देख रहे हैं उसके Closing होने के बाद ही शेयर में एंट्री करे!
 

Runaway Gap Failure

अगर एक बार Gap बनने के बाद शेयर को उस Gap के नीचे नहीं आना चाहिए! ऐसा होने पर हमें उस शेयर से निकल जाना चाहिए! कई बार ऐसा भी होता है कि Gap बनने के बाद शेयर एक रेंज में चला जाता है ऐसे में आपको शेयर में बने रहना चाहिए जब तक वह Gap के नीचे नहीं जाता है !
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Share Market Divergence क्या होता है

Share Market Divergence का मतलब होता है, जब हम किसी Stock का Analysis कर रहे होते है, Indicator के द्वारा तब जब दो Indicator मिल कर कोई Conformation नहीं देता, यानी एक आपको शेयर में गिरावट का संकेत दे और एक तेज़ी का तब हम उसको Divergence कहते है!

शेयर मार्केट में किसी भी चीज़ की चाल निश्चित नहीं होता है आप किसी भी Idicator या System का उपयोग कर ले वह हर समय सही Result दे ऐसा जरुरी नहीं है, इसलिए हम किसी भी शेयर को खरीदने या बेचने से पहले हम बहुत से Tool का उपयोग करते है ताकि हमरा गलत होने की संभावना कम से कम हो ! जैसे आप किसी शेयर का एनालिसिस कर रहे हैं और एक इंडिकेटर उस शेयर को खरीदारी की राय देता है जबकि दूसरा इंडिकेटर उसे बेचने की तब इसी को ही हम Divergence कहते है! 
आमतौर पर आपने देखा होगा की कोई शेयर अपने Uptrend में है, शेयर अपने High के ऊपर High बंद हो रहा है, लेकिन Indicator जैसे MACD, RSI, Band, etc Downtrent में होता है य़ह Share Market Divergence के कारण होता है!

Types of Stock Divergence in Hindi

 
Positive Divergence:- जब शेयर ( प्राइस ) में गिरावट हो रही है और इससे जुड़ा हुआ जो इंडिकेटर है वह ऊपर की ओर जा रहा हो तब हम इसे Positive Divergence कहते है, इसमें आपको शेयर में खरीदारी करनी होती है!
Negative Divergence:- जब शेयर ऊपर की और जा रहा हो और इससे जुड़ा हुआ जो इंडिकेटर नीचे की तरफ यानी उसमे गिरावट आ रही है तब हम इसे Negative Divergence कहते हैं इसमें आपको शेयर में मंदी करनी होती है !

Share Market Divergence क्यों होता है 

जब कोई शेयर ट्रेंड में है तेज़ी या मंदी की ओर एक समय ऐसा आता है जब उसका Trend कमजोर होने लगता है ऐसे में उससे जुड़े हुए जो इंडिकेटर है वह इस बात का संकेत करते हैं लेकिन जब हम इसी के साथ कोई दूसरा इंडिकेटर उपयोग करते हैं जो कि Trend पर आधारित नहीं होता या वह Trend मे हुए इस बदलाव की गणना नहीं कर पाता जैसे Price Action, ADX तब हमें चार्ट में Divergence देखने को मिलता है !

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Stock Divergence

Stock Market Divergence Trading 

जब आपको किसी शेयर में Divergence नजर आए तो केवल इसी के आधार पर आप किसी शेयर को खरीदने या बेचने का फैसला नहीं करते आपको इसके साथ और भी दूसरे Indicator या Signal का इंतजार करना चाहिए और उसके बाद ही किसी शेयर को खरीदने या बेचने का फैसला करना चाहिए ! आप केवल इसी के आधार पर Trading नहीं करना चाहिए, किसी शेयर में Divergence का मतलब है कि शेयर की चाल अब कमजोर हो रही है और इसमे Correction आने की संभावना है!

AGM Annual General Meeting क्या होता है

शेयर मार्केट में जितने भी कंपनी लिस्ट है वह सभी कंपनी हर साल अपनी शेयर होल्डर के साथ एक मीटिंग करती है जिसमें कंपनी अपने आने वाले समय में वह क्या करने वाली है और पिछले साल उसने क्या किया कंपनी की ग्रोथ कैसी थी इन सब के बारे में जानकारी दी जाती है इसी को AGM ( Annual General Meeting) कहते हैं !

AGM करना क्यों जरूरी है

जितने भी कंपनी भारतीय शेयर मार्केट में लिस्टेड है उन सभी को लिस्टिंग के 18 महीने के बाद हर साल AGM करना जरूरी है किसी भी कंपनी के शेयर जिसे हम खरीदते हैं तो एक तरह से हम कंपनी के मालिक बन जाते हैं एक हिस्से के तो ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कंपनी अभी वर्तमान समय में क्या काम कर रही है और आने वाले समय में वह क्या काम करेगी इस कारण से किसी भी कंपनी को AGM करना जरूरी है !

AGM किस समय होता है

कोई भी कंपनी अपना AGM किसी भी दिन (सरकारी छुट्टी और केंद्र सरकार के द्वारा जारी की गई छुट्टी को छोड़कर) हफ्ते के किसी भी दिन सुबह 9:00 से 6:00 के बीच कंपनी AGM कर सकता है ! SEBI के नियम के मुताबिक हर कंपनी को AGM करना जरुरी है !

Annual General Meeting से आप फायदा किस प्रकार से ले सकते है 

  • अगर आप ने किसी कंपनी में निवेश किया है या करना चाहते है, तो AGM इसमें आपको सही कंपनी चुनने में मदद कर सकता है, इससे कंपनी के भविष्य में क्या करने वाली है इसके बारे में पता चलता है !
  • अगर कोई कंपनी अपने AGM में कोई Announcment करती है और उसे तय समय पर पूरा करती है, तो इससे हमे कंपनी के Managment के बारे में पता चलता है !
  • बहुत से लोग और सफल निवेशक किसी कंपनी के AGM में पैनी नज़र रखते है, क्योकि इससे यह पता चलता है कि कंपनी आने वाले समय में क्या करेगी वह अपने Sector के बारे में क्या सोच रही है!

अगर आप एक सफल निवेशक बनना चाहते है तो आप को कंपनी के AGM को जरूर सुनना चाहिए, यह आपको सही कंपनी को चुनने में बहुत मदद करेगा !

 

शेयर मार्केट में बिना कारण गिरावट तेज़ी क्यों आती है

“Market Moves Reasion Follow” लोग शेयर मार्केट के बारे मे कहते है, इसमें जो गिरावट आती है वह किसी कारण के वज़ह से होती है, लेकिन आप देखोगे तो पाओगे कि मार्केट में गिरावट या तेजी पहले आती है और उसके बाद जो कारण है वह आता है ! इसे आप इस तरीके से भी कह सकते हैं कि जब मार्केट में गिरावट आती है तो लोगों को उसके कारण का पता चलता है !

 
अगर मार्केट तेजी में है तो लोग उसके हिसाब से कारण बताते हैं और अगर मार्केट मंदी में है तो लोग उसके हिसाब से कारण बताते हैं तेजी के मार्केट में सभी लोग अच्छी-अच्छी बातें ही करते हैं अच्छी अच्छी चीजों के बारे में ही बताते हैं और वही मंदी के समय में दुनिया भर की खराब ख़बरें जिनका शेयर मार्केट से संबंध भी नहीं रहता उसके बारे में बताते हैं या यह कहें कि वे कारण ढूंढने में लग जाते हैं !

 

 
जैसे भारत सरकार ने 23 मार्च 2020 में पूरे देश में लॉकडाउन लगाया था लेकिन शेयर बाजार में जनवरी से ही गिरावट आना चालू हो गया था, और जब लॉकडाउन लगा उसकी बात शेयर मार्केट में तेजी आना चालू हो गया क्योंकि मार्केट को पता था कि आने वाले समय में यह सारी चीजें फिर से ठीक हो जाएगी और अगर आप अभी की वर्तमान स्थिति भी देखेंगे तो हमारे देश की जीडीपी उसमें गिरावट है देश में बेरोजगारी है फिर भी हमारे देश और दुनिया भर के शेयर मार्केट अपनी ऊंचाई पर हैं !
 
इसके अलावा 2014 में जब हमारे देश में चुनाव हो रहा था तब शेयर मार्केट में गिरावट आई थी तब लोगों का कहना था कि यह गिरावट ग्लोबल इकनॉमिक के कारण आ रही है उस समय Portugal, Italy, Greece, Spain मे मंदि था वहां का बैंकिंग सिस्टम फेल हो गया था और इस कारण से भारतीय शेयर मार्केट में गिरावट थी लेकिन जब हमारे देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार आए उसके बाद शेयर मार्केट में तेजी आ गई लेकिन उस समय भी ग्लोबल इकनॉमिक में समस्याएं थी !
 
Market को जो कुछ भी होने वाला होता है, उसके बारे में पहले से ही पता चल जाता है, इस कारण से उसमे पहले से ही तेज़ी मंदी आती है, इसके आलावा जब कोई अच्छी खबर आने वाली होती है उससे पहले भी शेयर मार्किट में गिरावट आती है ! अगर किसी कंपनी का Dividend आने वाला होता है, तो उससे पहले ही शेयर में तेज़ी आ जाती है !
 
 
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Bullish Bearish Market क्या होता है

Bullish Market क्या होता है ?

Bullish Market जब मार्केट तेजी में होती है यानी मार्केट में जितने भी शेयर कर उसमें से अधिकतम शेयर तेजी में होते हैं तब हम उसे Bullish Market या Bull Market कहते हैं यह शब्द बैल से आया हुआ है आपने देखा होगा जब एक दूसरे से लड़ाई करते हैं तब वे दूसरे बैल को नीचे से ऊपर की ओर मारते हैं ! यानी जिन लोगों ने मंदी की सौदा बनाए हुए रहते हैं वह मार्केट में तेजी आने के कारण फस जाते हैं और मार्केट ऊपर जाता जाता है ! जब इसकी शुरुआत होती है तो पहले जो अच्छे कंपनियां हैं उनमें तेजी आती है उसके बाद मिडकैप कंपनियों में तेजी आती है और अंत में जब Bull Market खत्म होने वाली होती है तब जो Penny Stock है उसमें तेजी आती है आपने देखा होगा जो 2003-04 से 2008 के बीच का जो समय था उसमें हर सेक्टर की हर कंपनियों में तेजी थी और जब 2008 में यह अंतिम समय में था तब उस समय हर कंपनियां तेजी में थी!

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Bullish Bearish Market

Bearish Market किसे कहते है?

Bearish Market मार्केट को कहते हैं जब मार्केट के अधिकतम शेयर में गिरावट आती है इसमें लोगों को नुकसान होता है, और जिन लोगो ने मंदी का सौदा बनाया होता है उनको फायदा होता है ! इसे Bearish Market या Bear Market कहते हैं यह शब्द Bear भालू से आया हुआ है जब भालू किसी व्यक्ति को मारता है तो वह उसे ऊपर से नीचे की ओर मारता है, इस कारण इसे Bearish Market कहते हैं !
Bearish Market मे जो अच्छी कंपनियां है उन मे गिरावट कम आती है, और जो कमजोर कंपनियां होती है उनमें बहुत ज्यादा गिरावट आती है, जब यह होता है उसके बाद शेयर का Accumulation होता है ! और फिर Bull Market की शुरूवात होती है !

Average True Range

Average True Range इसकी मदद से हम किसी की शेयर को उस Time Frame कितना ऊपर या नीचे जा सकता है उसका अनुमान लगाते हैं, यह किसी से शेयर की Volatility को बताता है! 

जब हम किसी से अपने निवेश करते हैं, तब वह शेयर उसके बाद ऊपर या नीचे जाता है इस इंडिकेटर की मदद से वहां कितना ऊपर या नीचे जा सकता है बिना अपने Trend को बदले उसका पता करते हैं ! अगर कोई शेयर अपने ATR से ऊपर की ओर जाने सकता है तो इसका मतलब होता है कि उस दिन में आने वाले समय में Volatility बढ़ रही है और यह और बढ़ने वाली है, इसका उपयोग Trend Reversal का पता करने के लिए किया जाता है !
जैसे आपने देखा होगा कि जब हमारे देश का बजट प्रस्तुत किया जाता है उस समय या फिर आरबीआई या सरकार कोई नया फैसला लेने वाली होती है तो उस समय मार्केट में उतार चढ़ाव कभी ज्यादा बढ़ जाता है, और इससे ATR भी बढ़ने लगता है, जब आप किसी शेयर में अगर Trading कर रहे है तो पहले उसका ATR जरूर पता कर ले अगर किसी का यह बहुत कम है तो आपको उसमे Trading नहीं करनी चाहिए !
Average True Range इंडिकेटर का उपयोग आमतौर पर स्टॉप लॉस लगाने और Trade से बाहर निकलने के लिए किया जाता है, अगर किसी शेयर का जो कि Uptrend में है और उसका Average True Range कम होने लगता है तो इसका मतलब यह है कि जो Trend है वह कमजोर हो रही है लेकिन आपको किसी भी तरह का फैसला सिर्फ एटीआर को देखकर नहीं करना है इसकी लिए आपको और भी दूसरे इंडिकेटर है, उसका उपयोग करना है !
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Paul Tudor Jones Trading Strategy

वर्तमान समय में दुनिया में सबसे अधिक सफल Trader की बात आती है तो इसमें Paul Tudor Jones का नाम सबसे पहले आता है वर्तमान समय में यह Hedge Fund  कंपनी Tudor Investment Corporation के मालिक है ! इनके ट्रेडिंग तकनीक का इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जाता है ये Elliot Neo Wave के माध्यम से किसी भी शेयर या इंडस्ट्री का समय के साथ पूर्व अनुमान लगाते हैं इन्होंने1987 का Black Monday का अनुमान पहले ही लगा लिया था और इसमें उन्होंने अपने पैसे को 3 गुना कर लिया था शॉर्ट सेलिंग करके ! आज इनके ट्रेडिंग तकनीक दुनिया भर में बहुत से ट्रेडर इस्तेमाल करते है आज हम आपको इसी के बारे में बताते है 

 
  • Don’t Be a Hero, Don’t Have an Ego

बहुत से लोगों को जब उन्हें शेयर मार्केट में फायदा होता है तो फिर अपने आप को हीरो समझने लगते हैं उनको  लगता है कि वे मार्केट को जान लिया है उनके अंदर अहंकार आ जाता है !
आपको हमेशा Ego से बचना चाहिए आपको अपनी क्षमता को जानना चाहिए आप चाहे कितने भी बड़े हो जाए कितना भी आपको अनुभव हो जाए मार्केट हर दिन आपको कुछ ना कुछ जरूर सिखाती है दुनिया में बहुत से लोग हुए हैं जिन्होने शेयर मार्केट से बहुत से पैसे कमाए हैं लेकिन बाद में उन्होंने अपने पूरे पैसे को खो दिया है सिर्फ अपने अहंकार के कारण
 
  • Control Your Actions 

आप मार्केट में जो भी काम करते हैं उसके ऊपर आपका नियंत्रण होना चाहिए आपको जो निर्णय है वह अपने ट्रेडिंग सिस्टम के अनुसार ही लेना चाहिए किसी और की बातों में आकर कोई गलत फैसला नहीं कर लेना चाहिए इसके साथ ही साथ आपको अपने पैसे उन्हें बचा कर रखना चाहिए !
 
  • दुनिया में कोई आपको Trading नहीं सिखा सकता

बहुत से लोग सोचते हैं कि वे Training,Workshop करेंगे तभी इसे सीख सकते हैं जबकि ऐसा सोचना गलत है दुनिया में बहुत से ट्रेनर और एजुकेटर है जो आपको ट्रेडिंग सिखाते हैं लेकिन जब तक आप को अंदर से इसके लिए तैयार नहीं होंगे तब तक आप Trading नहीं कर पाएंगे अगर दुनिया में जितने भी Trader हुए हैं वह सब मार्केट से ही सीखे हैं मार्केट के अलावा आपको ट्रेडिंग कोई भी नहीं सिखा सकता, आप इसे बिना शुरू किए नहीं सीख सकते !
 
  • Use Time Stop

बहुत से लोग किसी शेयर को खरीदते है, और उसके बाद उसे रखे रहते है वह शेयर ना तो आपके Stop Loss Price के पास आता है वह एक लम्बे समय तक एक रेंज में फसा रहता है ! अगर आप किसी शेयर को खरीदते है, तो उसके Stop Loss Price के साथ साथ समय को भी लगाना चाहिए, की आप उस शेयर से कितने समय में निकलेंगे अगर वह शेयर अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है तो आप उसको कितने समय के लिए रखेंगे, ऐसा देखा गया है कि हम किसी शेयर को ऐसे समय पर खरीदते है जब शेयर अपनी जो Trend है वह जब कमजोर होता है, वह हमरे ख़रीदे हुए प्राइस के आस पास ही रहता है और हम उस शेयर को अपने पास रखे रखते है, और हमारे सारे जो दूसरे शेयर है वह बढ़ने लगते है !
 
  • Learn From Your Mistakes 

अगर आप शेयर मार्केट में आपको नुकसान होता है और आप उससे कुछ भी नहीं सिखते हैं तो आप डबल नुकसान करते हैं मार्केट में अगर आपको सफल होना है तो अपनी गलतियों से सीखना इसलिए आदत आपको डालनी होगी, अगर आप Losing Trade से कुछ सिखते है तो आपको नुकसान नहीं होता !
  • Don’t Argue Trend 

बहुत से लोगों की आदत होती है जब कोई शेयर जो बढ़ने लगता है तो लोग उसमें बेचने की कोशिश करते हैं इसके साथ ही साथ जब कोई शेयर की प्राइस बढ़ने या कम होने लगती है तो भी यह पता करने में अपना समय लगाते हैं कि इसकी क्यों  बढ़ या कम क्यों रही है जबकि आपको इसके बजाय Trend को फॉलो करना चाहिए, साथ ही साथ बहुत से लोग जिस शेयर में उनको फायदा होता रहता है वे उसमे से जल्दी निकल जाते है !
 
  • Use Proper Position Sizing 

आपका Trading System कितना भी अच्छा क्यों न हो अग़र आपकी Position Sizing सही नहीं है तो आप बड़ा पैसा नहीं बना पाओगे, मार्केट एक सीधी रेखा में ना तो वह ऊपर जाती है और ना ही नीचे, ऐसे में अगर आपका Position Sizing सही नहीं है तो उसमे घबरा कर जल्दी निकल जाएगे !
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