What is Scaling in Share Market

अगर आप Scaling का मतलब आम तौर पर यह होता है की किसी चीज़ को बढ़ाना यानी कोई भी चीज़ अभी जितना है आप उसको आसनी से और कितना बढ़ा सकते है, कोई भी बिज़नेस जो अगर जो Scalable नहीं है तो उसमे काम करने वाली कंपनी अधिक समय तक टिक नहीं पाएगी, जैसे कोई कंपनी है जो कि सीमेंट बनाने का काम करती है लेकिन वह अपने बिज़नेस और जिस क्षेत्र में काम करती है उसको नहीं बड़ा रही है तो आने वाले समय में कोई दूसरी कंपनी आएगी और उसके बिज़नेस को ख़तम कर देगी! आप ने एक कहावत तो सुनी ही होगी अगर आप आगे नहीं बढ़ रहे है तो इसका मतलब यह है की आप बाकि से पीछे हो रहे है! आप किसी भी कंपनी को देख लीजिये कोई भी कंपनी शुरुवात में छोटी होती है उसके बाद वह धीरे धीरे बड़ी बनती है अपने बिज़नेस को बढ़ती है और फिर एक समय ऐसा आता है जिसमे कंपनी की ग्रोथ कम हो जाती है और फिर धीरे धीरे बिज़नेस कम होते जाता है और फिर धीरे से कंपनी मार्केट से ग़ायब हो जाती है, आप Nokia को देख लीजिये कंपनी कितनी बड़ी थी लेकिन कंपनी समय के साथ अपने आप को बढ़ा नहीं पाया और मार्केट से बाहर हो गयी!

Scaling in Trading and Investing

जब आप कोई भी Trade या Investment करते है और आपका वह ट्रेड या इन्वेस्टमेंट सही हो जाता है तो फिर आप उसके बाद आप उस सही ट्रेड को किस प्रकार से और बढ़ा सकते है इसको ही Scaling कहते है, आप सभी तो Rakesh Jhunjunwala को तो जानते ही होंगे ुषोने सबसे अधिक किसी शेयर में पैसा कमाया है तो वह शेयर है Titan उसके पोर्टपोलिओ बड़ा हिस्सा को देखगे तो वह TITAN कंपनी की है, लेकिन क्या आपको यह पता है उन्होंने जब यह शेयर में सबसे पहले निवेश किया था तब उनको भी यह बात पता नहीं थी उन्होंने जैसे जैसे शेयर की किमत बढ़ती गया उन्होंने धीरे धीरे अपने Position को बढ़ाते गए इसको ही Scling कहते है!

इसको ही आप Trading में करते है कोई भी बड़ा Trader किसी भी ट्रेड में सबसे पहले एक छोटी Position बनता है और फिर Price उनके दिशा में जाता है तो वे और पोजीशन को बढ़ाते जाते है इसको ही Scaling कहते है!

Why Adani Group Share Fall After Hindenburg Report

Adani, Adani Group

आप सभी तो यह जानते होंगे की जब से Hindenburg ने रपोट निकला है उसके बाद से ही Adani Group की मुसबित कम होने का नाम नहीं ले रहे है, कमपनी के शेयर की किमत, बांड की वैल्यू, और इन्वेस्टर का भरोशा इन सभी का लगातार नुकसान होता जा रहा है, अगर आपभी देखगे तो एक समय पर Gautam Adani दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी थे और आज वे दुनिया के 28 वे आमिर आदमी तक फिशल गए है!

इन सभी घटना में लोगो को दो भागो में बाट दिया है पहला वे जो की यह कह रहे है कि अडानी जी सही है दूसरा वे जो कहते है की गौतम अडानी ने गलत किया, इन सब के बीच में जिस ने उन कंपनी निवेश किया था चाहे वे सीधे तरीके से या फिर Mutual Fund या ETF के माध्यम से उन सभी का पैसा का घाटा हुआ है, कंपनी अलग अलग तरीको से इस समस्या से अपने आप को बाहर निकलने की कोशिश कर रही है, चाहे वे भारत और विदेशो के निवेशकों के माध्यम से कंपनी के 20,000 Cr. के Adani Enterprises के FPO को मार्केट में किमत उससे अधिक किमत पर Subscribe कराना या फिर मीडिया के माध्यम से और Ligal तरीको से बचाओ करना लेकिन इसके बाद कंपनी शेयर की किमत लगातार गिरावट हो रही, इसके पीछे क्या कारण चलिए आज हम आपको यह बताते है!

अडानी ग्रुप गिरने के कारण

  • इसका सबसे बड़ा करना शेयर का किमत महंगा होना, ग्रुप के आप किसी भी कंपनी के शेयर को देख ले सभी की PE मार्केट के दूसरी कंपनी के तुलना में बहुत अधिक था, Adani Enterprices का शेयर का PE 300 के अभी अधिक था, इस कारण से जब ये खबर आया लोग ने जो इसके शेयर में निवेश करना चाहते थे वे भी अधिक महंगा होने के कारण इसमें खरीदारी करना बंद कर दिया जिस कारण से इसकी किमत में गिरावट होने लगी!
  • दूसरा बड़ा कारण है कंपनी के पास कर्जा बहुत अधिक है अगर कंपनी की Market Cap से इसके तुलना में वैसे तो ये कम है और कंपनी ने कभी कोई Payment देने में देर नहीं किया लेकिन इसके बाद भी यह दूसरे कंपनी से अधिक होने के कारण लोग इसके शेयर से बिकवाली करने लगे!
  • किसी भी कंपनी का शेयर पर मार्केट के सेंटीमेंट का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है अगर कंपनी के प्रति लोगो का सेंटिमेंट अच्छा है तो लोग शेयर में अधिक कीमत पर भी खरीदारी करते है लेकिन अगर कंपनी का सेंटीमेंट अच्छा नहीं है तो शेयर कितना भी सस्ता क्यों ना हो लोग शेयर में खरीदारी करते ही नहीं है, यही इस ग्रुप के साथ भी हुआ और लोग ने इसमें गिरावट होने के बाद भी इसमें खरीदारी नहीं कर रहे है!
  • कंपनी ने इसके अलावा अपने शेयर को Pledge भी किया हुआ है, जब शेयर में गिरावट हुआ तो जिनके पास शेयर Pledge थे वे सभी भी शेयर को बेचने लगे इस कारण से शेयर में गिरावट होने लगी!

आपको लोन Loan कब लेना चाहिए

अगर आप किसी से पूछेंगे की लोन लेना अच्छी बात है या फिर बुरी तो आपको अधिकतर लोग यह कहते हुए मिल जाएगे की लोन लेना अच्छा नहीं होता है, अगर आप ने लोन लिया हुआ है तो इसका मतलब यह है की आप के पास पैसे कम है गरीब आदमी है, आपके पास पैसा नहीं है इस कारण से आप ने Loan लिया होगा, तो चलिए आज हम इसको असलियत के बारे में बताते है!

What is Loan

Loan का मतलब होता है की किसी से पैसा उधार लेना, और बदले में आप ने जिससे उधार लिया उसको आप बदले में ब्याज देते है, आप किसी को कितना पैसा ब्याज में देते है वह इस बात पर निर्भर करता है की आप ने कितने समय और किसी Interest Rate पर ब्याज को लिया हुआ है, इसमें जो पैसा देता है उसको ब्याज के रूप में फायदा होता है और जो पैसा लेता है उसको जरुरत होने पर पैसा मिल जाता है!

क्या Loan लेना सही है

अगर आप ऊपर में लोन लेना क्या होता है ये बात जान लिया होगा तो आपको यह लगता होगा की लोन लेने से आपको बेकार में उसमे ब्याज देना होता है जिससे आपको नुकसान होता है साथ ही साथ जो लोन देता है उसको बिना कुछ करे ही फायदा होता है, जैसे अगर आपने 100000 रूपए किसी से एक साल के लिए 15% इंटरेस्ट रेट पर लोन लिया हुआ है तो आपको एक साल के बाद 1,15,000 रूपए लौटने होगा, यानी 15,000 रूपए आपको एक्स्ट्रा देने होगा!

अब हम यह बात करते है की आपको Loan लेना चाहिए या फिर नहीं तो यह इस बात पर निर्भर करता है की आप इसको लोन किस कारण से ले रहे है, दुनिया में जितनी भी कंपनी है वे सभी अपने कंपनी के विस्तार के लिए लोन लेती है, दुनिया में लगभग हर कंपनी लोन लेती है, किसी भी कंपनी को कोई नया प्लांट लगाना हो या फिर कोई नया बिज़नेस की शुरुवात हर कंपनी लोन लेती ही है! आप दुनिया भर के जितने भी देश है उसको देख लो हर सरकार लोन लेती है!

अगर आप किसी ऐसी चीज़ के लोन लेते है जिससे की आपको जितना आप Interest दे रहे है उससे अधिक फायदा होता है तो आपको Loan लेना चाहिए, अगर आप अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए नया बिज़नेस शुरू करने के लिए लोन लेते है तो यह सही होता है लेकिन अगर आप ऐसे चीज़ो के लिए उधार लेते है जिससे आपको कुछ फायदा नहीं होता है, बल्कि समय के साथ आपने जो चीज़ लिया हुआ है उसकी किमत कम ही होने वाली है, तो ऐसे में आपको लोन लेने से बचना चाहिए! आज के समय में लोग दिखावे के लिए जैसे मोबाइल, घर, कार इन सभी के लिए क्रेडिट कार्ड या फिर बैंक से लोन लेट है इन सभी से उनको कुछ फायदा तो होता नहीं है, साथ ही साथ उन्होंने जो सामान लिया हुआ होता है उसकी वैल्यू भी समय के साथ कम होती रहती है, इससे उनको नुकसान होता है!

इसके विपरीत जब आप लोन ले कर के अपना कोई बिज़नेस शुरू करते है, जिससे की आपको फायदा होता है और वह फायदा आप जो मेहनत कर रहे है और आप जो इंटरेस्ट में एक्स्ट्रा पैसा देने वाले है उससे अधिक है तब वह आपके लिए अच्छा है, हर कंपनी ऐसे ही बड़ी बनती है!

What is Organic Growth

कोई भी कंपनी शुरुवात से बड़ी नहीं होती कोई भी कंपनी धीरे धीरे हे बड़ी होती है आप आज के समय की किसी भी बड़ी कंपनी को देख लो Amazon दुनिया की सबसे बड़ी E-Commerse कंपनी है इसकी शुरुआत बुक बेचने से हुआ था, आप Meta (Facebook) के बारे में जानते होंगे इसकी शुरुवात के रूम में वेबसाइट से हुआ था, आप TATA-Group को तो जानते होंगे इसको पूरी दुनिया में काम करती है, इसकी सबसे पहली शुरुवात कपडे के बिज़नेस से हुआ था, हर कंपनी धीरे धीरे अपना Growth करती है लेकिन Growth भी कई प्रकार है एक होता है Organic Growth और दूसरा In-Organic Growth कभी कभी कंपनी दोनों तरीको का उपयोग करती है!

क्या होता है आर्गेनिक ग्रोथ

जब भी कोई कंपनी बिना दूसरे कंपनी के साथ मर्जर और ख़रीदे ग्रोथ करती है उसको आर्गेनिक ग्रोथ कहते है, कंपनी आर्गेनिक ग्रोथ में अपने बिज़नेस में निवेश कर के, नए नए प्रोडक्ट लांच कर के, नए क्षेत्र में (Location) में जा कर के अपना ग्रोथ करती है तो इसको आर्गेनिक ग्रोथ (Organic Growth) कहते है !

What is Circuit Breaker in India

शेयर बाजार में, Circuit Breaker एक सिस्टम होता है जो एक निश्चित अवधि के भीतर एक शेयर या सूचकांक की कीमत एक निश्चित प्रतिशत से गिरने या फिर बढ़ने पर स्वचालित रूप से एक्सचेंज पर व्यापार को रोक देता है। सर्किट ब्रेकर का उद्देश्य उच्च अस्थिरता की अवधि के दौरान पैनिक सेलिंग को रोकना और बाजारों को स्थिर करना है।

सर्किट ब्रेकरों के लिए सटीक नियम और प्रक्रियाएं एक्सचेंज से एक्सचेंज में भिन्न हो सकती हैं, लेकिन आम तौर पर, यदि एक निश्चित अवधि के भीतर एक सुरक्षा या सूचकांक एक निश्चित प्रतिशत से गिरता है, तो व्यापार एक निश्चित अवधि के लिए रुक जाएगा। यदि ट्रेडिंग फिर से शुरू होने के बाद भी कीमतों में गिरावट जारी रहती है, तो एक और सर्किट ब्रेकर ट्रिगर हो सकता है और विस्तारित अवधि के लिए ट्रेडिंग को फिर से रोक दिया जाएगा।

बाजार में गिरावट से बचने और निवेशकों को अपना पैसा खोने से बचाने के लिए सर्किट ब्रेकर लगाए जाते हैं। इसे “सर्किट ब्रेकर नियम” या “मार्केट-वाइड सर्किट ब्रेकर” के रूप में भी जाना जाता है।

Circuit Breaker Rule in India

भारत में अगर आप Ciruit Breaker के नियम को देखगे तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के संदर्भ में, एक सर्किट ब्रेकर एक तंत्र है जो एक निश्चित अवधि के लिए एक्सचेंज पर व्यापार को रोकता है यदि बाजार में महत्वपूर्ण और अचानक मूल्य आंदोलन का अनुभव होता है। यह पैनिक सेलिंग को रोकने और बाजार को स्थिर करने के लिए किया जाता है। भारत में NSE और BSE में एनएसई में सर्किट ब्रेकर ट्रिगर्स के तीन स्तर हैं

  • पहला ट्रिगर तब होता है जब मार्केट इंडेक्स 10% ऊपर या नीचे जाता है!
  • ट्रिदूसरा गर होता है जब मार्केट इंडेक्स 15% ऊपर या नीचे जाता है!
  • तीसरा ट्रिगर होता है जब मार्केट इंडेक्स 20% ऊपर या नीचे जाता है।

Circuit Breaker time in India stock market

अब आपको यह तो पता चल गया की कितने ऊपर या नीचे जाने पर शेयर में व्यापार को रोका जाता है लेकिन क्या आपको यह पता है की कितने समय तक व्यापार को रोका जाता है अगर नहीं तो हम आपको बताते है!

  • जब मार्केट 10% ऊपर या नीचे होता है तो 15 मिनट के लिए व्यापार रोका जाता है, और उसके बाद व्यापार फिर से शुरू हो जाता है!
  • जब मार्केट 15% ऊपर या नीचे होता है तो 30 मिनट के लिए व्यापार रोका जाता है, और उसके बाद व्यापार को फिर से शुरू कर दिया जाता है, और आप के जो भी आर्डर होते है उनको पुरे होते है!
  • जब मार्केट 20% ऊपर या नीचे होता है तो उस दिन भर के लिए व्यापार रोका जाता है !

Why Intelligent People Not Make Money in Stock Market

यह एक बहुत ही प्रसिद्ध Quotes है जिसका मतलब होता है शेयर मार्किट में बुद्धिमान लोग होते है वे लोग शेयर मार्केट से अक्सर पैसा नहीं बना पाते आप ने देखा होगा जिन लोगो को मार्केट के बारे पढ़ा होता है उन लोगो को भी मार्केट में भी नुकसान होता है, और जो लोग इसके बारे में नहीं जानते है उन लोगो को भी इसमें नुकसान होता है!

शेयर मार्किट में एक प्रयोग किया गया जिसमे लोगो को दो समूह में बाटा गया एक समूह में बढ़े बढ़े बिज़नेस, Finace की पढ़ाई किए हुए Intelligent लोग थे और दूसरे समूह में आम लोग थे जिसमे से बहुत से लोगो ने शायद शेयर मार्केट के बारे भी पहली बार ही सुना हुआ होगा, अब इन दोनों ग्रुप के शेयर चुनने के लिया बोला गया, पहले ग्रुप ने कंपनी के बारे में पूरी जानकारी और Fundamental सभी को देखा और उसके बाद में 10 कंपनी को चुना, दूसरे ग्रुप के लोगो को कुछ पता ही नहीं था इसलिए उन्होंने बिना कुछ जाने 10 शेयर को चुने, कुछ समय बाद देखा गया की कोण से ग्रुप के शेयर अच्छा रिटर्न दे रहे है आपको यह जान कर हैरानी होंगे की पहले ग्रुप की तुलना में दूसरे ग्रुप का रिटर्न वह अधिक था, ऐसा कैसे हुआ, जब आप किसी भी शेयर में निवेश करते है, आप जिस भी तरीके का उपयोग करते है आपके उस शेयर से पैसा कमाने की संभावना और नुकसान होने की संभवना दोनों 50% ही होती है, आप चाहे जितना भी तरीको का उपयोग कर ले Probability को 50% से अधिक बढ़ा नहीं सकते है!

अब हम बात करते है की मार्केट में बुद्धिमान लोग इसमें से पैसा क्यों नहीं कमा पाते है, इसका कारण यह है जो मार्केट में काम करने और पैसा कमाने के लिए आपको इसके बारे में यह कैसा काम करती है, और कब इसमें आना है और कब निकलना है इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए, मार्केट में Intelligent लोगो हमेशा आज क्या हो रहा है इसको देख कर के काम करते है जबकि उनको यह पता नहीं होता है मार्किट हमेशा आगे के बारे में सोचती है, मार्केट को जो चीज अभी होने वाली है उसको पहले से ही पता होता है, और वह प्राइस में पहले से होती है, और बहुत से लोग इसके बारे में सोच ही नहीं पाते है! वे मार्केट को अभी जो हो रहा है उसके हिसाब से फैसला लेते है!

जिस प्रकार से किसी खेल में एक अच्छा कोच ( Tranner ) एक अच्छा खिलाडी नहीं हो सकता ठीक उसी प्रकार से शेयर मार्किट में एक अच्छा Intelligent आदमी एक अच्छा निवेशक नहीं हो सकता!

What is company Net Profit

आप अगर किसी कंपनी का Fundamental Analysis करते है तो सबसे अधिक जरुरी हो जाता है कंपनी का Balance Sheet को पढ़ना अगर आप एक स्मार्ट निवेशक बनाना चाहते है तो आपको बैलेंस रिपोर्ट की बेसिक जानकारी होना जरुरी है, क्योकि अगर आप कंपनी का सिर्फ चार्ट देख रहे है तो वह Liquidity शेयर की लिए तो सही होता है लेकिन जिन शेयर में ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होता है उनमे काम नहीं करता है, कपंनी के Fundamental Analyisis में एक चीज़ जरूर देखनी चाहिए और वो है Company Net Profit यानी कंपनी के पास अंत में पैसा कितना बचता है!

कंपनी नेट प्रॉफिट क्या होता है?

किसी कंपनी के नेट प्रॉफिट को हम उदाहरणा के दौरा समझते है जैसे कोई किराने का दुकान वाला है जो की चावल का काम करता है वह दूर मार्केट से 100 रूपए प्रति किलोग्राम से चावल खरीदता है और फिर अपने दुकान में वह 110 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचता है, ऐसा में उसका मुनाफा 10 रूपए प्रति किलोग्राम हुआ अगर वह दिन में 100 किलो बेचता है तो उसका मुनाफा होगा 100*10 = 1000 रूपए जिसको हम प्रॉफिट कहते है लेकिन यह उसका नेट प्रॉफिट नहीं है क्योकि उसको चावल को खरीदने, ट्रांसपोर्ट करने, और बेचने में उसने कुछ पैसभी खर्च भी किया होगा इसके अलावा वह जिस दुकान में अपना चावल बेच रहा है उसका भी किराया और बिजली और मैंटेनस में कुछ पैसा लगता होगा, इन सभी को हटाने के बाद जो पैसा बचता है उसको Net Profit कहते है!

Why Company Net Profit Important

  • बहुत सी कंपनी ऐसी होती है जो की साल दर साल या Quarter में लगातार प्रॉफिट में ग्रोथ करती रहती है लेकिन फिर भी कंपनी का Net Profit नहीं बढ़ रहा होता है ऐसा इसलिए क्योकि कंपनी के खर्च भी बढ़ रहा होता है, ऐसा कंपनी में निवेश करने से पहले इस जोखिम के बारे में जरूर पता कर लेना चाहिए!
  • कंपनी का नेट प्रॉफिट हमे कंपनी के Finacial Stability को बताता है अगर कंपनी का नेट प्रॉफिट अधिक है तो वह विपरीत समय में अपने आप को Survive कर पाएगी!
  • अगर कंपनी का Net Profit बढ़ रहा है, तो इस बात की संभावना अधिक होती है की आने वाले समय में उसका शेयर वैल्यू में भी बढ़े!

क्या Electric कार के आने से भारत में Crude Oil की ख़पत कम हो जाएगी

Crude Oil,

हमारे देश में सरकार Electric कार के उपयोग को बढ़ावा देना चाहती है इसके लिए सरकार तरह तरह के कदम उठा रही है, जिससे जितनी जल्दी से जल्दी भारत के लोग पेट्रोल डीज़ल को छोड़ कर के इलेक्ट्रिक कारो का उपयोग करने लगे इसके लिए भारत सरकार ने 2030 तक 100% इलेक्ट्रिक में जाने का लक्ष्य रखा है, तो अब यह सवाल आता क्या इलेक्ट्रिक वाहन के आने के बाद भारत पूरी तरह से Crude Oil का आयात करना बंद कर देगा जो हमको क्रूड की जरुरत होगी वो हम अपने देश में ही उसका उत्पादन कर लेंगे! क्या हम अपने देश का जो पैसा बाहर जा रहा है उस पर लगाम लगा पाएंगे, इस तरह के बहुत से सवाल लोगो के मन में आते है, आज हम इसका जवाब जानने की कोशिश करेंगे!

भारत सरकार जिस तरह से इलेक्ट्रिक वाहन और हाइड्रोजन ऊर्जा के दिशा में काम कर रही है उससे यह संभव है की साल 2030 तक लोग पूरी तरह से Electric Car में शिफ्ट हो जाए इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है की देश के लोग पेट्रोल-डीज़ल गाड़ी चलाना पूरी तरह से बंद कर देंगे इसका मतलब यह है की हम सिर्फ नई गाड़ी इलेक्ट्रिक खरीदेंगे, जो पुरानी गाड़ी है लोगो के पास उसका उपयोग लोग करते रहेंगे, क्योकि Electric वाहन में भी आपको इलेक्ट्रिसिटी चार्ज लगेगा ही और यह फ्री नहीं होगी साथ हे साथ जो लोग अपने सपने के गाड़ी ख़रीदे है वे पुराणी गाड़ी को बेच कर नया इलेक्ट्रिक कार ख़रीदे यह संभव नहीं है

भागते हुए शेयर में निवेश करने का तरीका

अभी हाल के समय और Covid-19 के बाद जितने भी देश में ग्रुप है उसमे से एक ग्रुप जिसने सबसे अधिक तरक्की की है वह है ADANI GROUP इस ग्रुप की चर्चा न केवल भारत में है बल्कि पूरी दुनिया में इस ग्रुप ने अपना वर्चस्वा को बढ़ाया है, जो भी नए लोग शेयर मार्किट में आए है उन्होंने इस ग्रुप के शेयर के बारे में सुना और निवेश के बारे में जरूर सुना होगा लेकिन इस शेयर को खरीदने की हिम्मत नहीं कर पाए होंगे इसका कारण है शेयर का महंगा होना, और यही कारण है की यह शेयर लोगो के आँखों के सामने बढ़ता चला गया और अभी भी बढ़ ही रहा है! लोगो ने सोचा की अब यह शेयर इससे और क्या बढ़ जाएगा पर इस ग्रुप के शेयर में जो है वह खत्म होने का नाम ही नहीं हो रही है!

आपने यह देखा होगा की ऐसा बहुत से शेयर के साथ होता शेयर में कुछ ही समय में आपके आँखों के सामने बढ़ता रहता है और आप यह देखते रहते है लेकिन शेयर को खरीदने की हिम्मत नहीं होती है, और आप को उसमे जो फायदा होना चाहिए होता है वह नहीं हो पाता है!

जो लोग इस शेयर में अगर गलती से खरीद लेते है उसके बाद शेयर में गिरावट होने लगती है और उसमे बाहर निकल जाते है, एक शेयर मार्केट निवेशक के सामने इस तरह की समस्या जरूर है, आपको इस तरह के समस्या से निपटने के लिए तैयार जरूर रहना चहिए, इस तरह के शेयर में कैसे निवेश कर सकते है इसके बारे में आपको बताते है

  • सबसे पहले आपको यह पता होना चहिए की आप Value निवेशक है या Growth निवेशक अगर आप वैल्यू निवेशक है तो इस तरह का शेयर आपके लिए नहीं है, आपको इस तरह के शेयर से दूर रहना चाहिए!
  • आप शेयर में जिस लिए निवेश कर रहे है उसके बारे में पता होना चहिए, आप खुद से रिसर्च कर के निवेश कर रहे है या फिर लोग इसके बारे में बात कर रहे है इसके कारण यह आपको पता होना चाहिए!
  • आपको कभी भी सारे पैसे एक साथ नहीं लगाने है आपको धीरे धीरे शेयर में निवेश करना है और समय समय पर इसमें से Profit को भी लेना है!

What is Duopoly Industries in Hindi

Duoploy

Duopoly का मतलब होता है जब केवल दो कंपनी ही पूरे मार्केट को चलाती है जब किसी इंडस्ट्री में केवल 2 कंपनियां होती है तो उसे हम Duopoly Industries कहते हैं यह दो कंपनी पूरे मार्केट में प्राइस को कंट्रोल करती है जिसका नुकसान ग्राहक को उठाना पड़ता है, अगर यह दो कंपनी चाहे तो एक साथ मिल कर Supply को कम कर सकती है, जिससे Demand बढ़ जाती है!

Duopoly Industries के फायदे

जब मार्केट में दो कंपनी की होती है तो दोनों कंपनी एक साथ मिलकर कोई प्रोडक्ट है वह किस कीमत पर बेचना है वह तय करती है जिससे कंपनियों को फायदा अधिक होता है लेकिन इसका नुकसान ग्राहक को उठाना पड़ता है उन्हें अधिक कीमत पर समान मिलती है इसके अलावा अगर इंडस्ट्री में जब अधिक कंपनियां होती है तो वह ग्राहक को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए नए-नए रिसर्च कर दी है प्रोडक्ट में चेंज करती है और यह चाहती है कि वह कितनी कम कीमत पर अपने प्रोडक्ट को लोगों के सामने पहुंचा सके लेकिन जब दो कंपनियां ही होती है तो उस इंडस्ट्री की ग्रोथ में कमी आती है और ग्राहक को अधिक कीमत देने के बावजूद कम फायदा होता है!

What is Multibagger Stock?

MULTIBAGGER SHARE

शेयर बाजार में जब लोग इन्वेस्टमेंट कि बात करते है तो सभी को एक मल्टीबैगर शेयर की तलाश होती है जिस पर वह निवेश करके अपने पैसे को कई गुना कर पाए तो अब यह सवाल आता है कि मल्टीबैगर शेयर क्या होता है? तो चलिए हम इसी के बारे में जानते हैं!

मल्टीबैगर उस स्टॉक को कहा जाता है कि जो अपनी प्राइस से कई गुना होने की संभावना होती है या फिर वह अपनी वर्तमान प्राइस से कई गुना होता है उस शेयर को मल्टीबैगर कहते हैं! कोई भी स्टॉक जिसने अपने निवेशक को 100% से अधिक रिटर्न दिया है उसको हम मल्टीबैगर शेयर कहते है, कोई भी शेयर मल्टीबैगर है या नहीं या हो सकता है या नहीं इसके बारे में जानने के लिए लोगो के मन में बहुत अभिलाषा होता है!

How to Find Multibagger Share?

बड़े निवेशक के मुताबिक कोई भी शेयर मल्टीबैगर होगा ही इसके बारे में कोई नहीं बता सकता है, अगर आप मल्टीबैगर शेयर को ढूंढने के जगह आपको अच्छी कंपनी में निवेश करना चाहिए, अगर आपका एनालिसिस सही होगा तो कंपनी आगे चल कर आपको कई गुना रिटर्न देगी, कोई भी शेयर जो अपने प्राइस से दोगुना हो गया है उस स्टॉक में ही मल्टीबैगर होने की संभावन अधिक होती है क्योकि अगर शेयर को मल्टीबैगर होना है तो उसको कम से कम दोगुना तो होना ही होगा!

क्या पैनी स्टॉक मल्टीबैगर बन सकते है?

बहुत से लोग का ऐसा मानना होता है कि अगर शेयर कि किमत कम है तो उसमे बहुत अधिक संभावना है कि उसमे शेयर 4-5 गुना आसनी से हो जाएगा ऐसा सोच कर के ही लोग कम किमत के स्टॉक में निवेश करते है, लेकिन होता इसके उल्टा है उसकी किमत और कम हो जाती है, और लोग उसमे अपना नुकसान करा बैठते है, कोई शेयर कम किमत पर ट्रेड कर रहा है तो वह मल्टीबैगर होगा ऐसा जरुरी नहीं है! Penny Stock में आपको रिटर्न अधिक मिल सकता है लेकिन आपके पैसा डूबने के संभावना भी अधिक होती है!

What is Finance Bill

यह एक ऐसा बिल होता है जिसमे वित्त मंत्री किस चीज़ पर कितना टैक्स लगाना है, पुराने टैक्स में कोई चेंज करना है या नहीं क्या सरकार कोई नया टैक्स किसी चीज़ पर लगाने वाली है, इन सब के बारे में जानकारी दी हुई होती है, सरकार यह सभी बजट में पेश करती है सरकार का यह बिल उस फाइनैंशल साल के लिए होता है जिस साल के लिए बजट होता है, यह बिल इसलिए महत्पूर्ण होता है क्योकि इससे सरकार कितना आमदनी करनी वाली है उसके बारे में पता चलता है, और वह उसको किस किस चीज़ से मिलने वाला है इसके बारे में पता चलता है!

फाइनेंस बिल क्यों जरुरी है ?

सरकार के लिया फाइनेंस बिल पेश करना जरुरी है इससे सरकार के पालिसी के बारे में पता चलता है, गवर्मेन्ट आने वाले साला में किस तरह की पालिसी पर ध्यान देना चाहती है इसके बारे में पता चलता है, जैसे मान लीजिए सरकार आने वाले समय से ग्रीन एनर्जी को बढना चाहती है तो इसके लिए वह इससे जुड़े चीज़ो पर टैक्स को कम कर देगी इससे इसकी उत्पादन को बढ़ावा मिले!

शेयर में गिरावट आने पर क्या करे

ऐसा अक्सर होता है की कोई शेयर तेज़ी में होता है उसके बाद अचानक ने उस शेयर में गिरावट आने लगती है, आप उस शेयर को देखते रहते है, वह शेयर आपके ख़रीदे हुए प्राइस के नीचे ट्रेड करने लगता है, आप सोचते है की आपने इसको रिसर्च कर के ख़रीदा है, अभी इसमें अपना नुकसान नहीं लेता हु जब स्टॉक में तेज़ी आएगी तो इसको बेच देंगे! वह और गिरता रहता है, और कुछ समय के बाद पाते है की आप उस शेयर में फस गए है, और अब आपका हानि इतना बड़ा हो गया है कि आप चाह कर के उस शेयर से नहीं निकल पाते!ऐसा रिटेल निवेशक साथ हमेशा होता है, और यह कई बार अनुभवी लोगो के साथ भी होता है ऐसा होने पर आपको क्या करना चाहिए इसके बारे में बताते है!

How to Deal Falling Share

  • जब किसी शेयर में गिरावट हो तो आपको सबसे पहले यह देखना है कि आपने शेयर को किस वजह से ख़रीदा है, आपने जिस कारण से ख़रीदा है और वह वजह अभी भी है तो आपको उस शेयर में बने रहना चाहिए!
  • अगर आपने कोई शेयर को Fundamental एनालिसिस कर के लिया हुआ है तो उसमे कोई फंडामेंटल चेंज होने पर ही उस शेयर के बारे में सोचने चाहिए!
  • बहुत से लोगों की आदत होती है जब शहर में गिरावट होने लगती है तो वह सोचते हैं कि जब शेयर में उछाल आएगी तब निकलेंगे यहां किसी शेयर से निकलने का सबसे गलत तरीका होता है अगर आपको पता चल गया कि आपका यह ट्रेड गलत है तो आपको तुरंत उस शेयर से निकल जाना चाहिए उछाल में निकलने के बारे में सोचने वाले जब तक उछाल आता है तब तक शेयर में और भी ज्यादा आपको नुकसान हो जाए रहता है और उछाल आने पर आप शेर को भी नहीं रहते हैं और होता उसके बाद यह है कि शेयर में और भी अधिक गिरावट आ जाती है वैसे भी जब आप उधर का इंतजार करते रहते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि हर बार उछाल उछाल आए बहुत बार ऐसा होता है कि से हर एक रेंज में बस जाता है और आपका समय और पैसा दोनों का नुकसान होता है!
  • अगर आप ने Techanical Analysis कर के किसी शेयर को खरीदा है तब आपको अपने लिए स्टॉपलॉस पहले से ही निर्धारित कर लेना चाहिए कि आप इस शेयर को इस प्राइस के नीचे जाने पर बेच देंगे, आपको Techanical में बिना सोचे शेयर से निकलना जरुरी है!